2025 की शुरुआती घोषणाएँ अब वास्तविकता में तब्दील हो गई हैं—माइक्रोसॉफ्ट, टीसीएस, इंटेल, गूगल, अमेज़न, मेटा और अन्य कई प्रमुख कंपनियों ने इस वर्ष अब तक कुल मिलाकर सौ हजार से भी अधिक कर्मचारियों को पदच्युत कर दिया है, और इन छंटनी के पीछे मुख्य कारण के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को बढ़ता हुआ प्रभाव माना जा रहा है।
माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल दो चरणों में कुल लगभग 15,500 कर्मचारियों को निकाल दिया है—पहले मई में 6,000 से अधिक, फिर जुलाई में लगभग 9,100—जहाँ ये छंटनी इंजीनियरिंग, मार्केटिंग, सेल्स, गेमिंग (Xbox) और लीगल टीमों में आई। कंपनी ने अपनी संरचना में सुधार करते हुए एआई-मुखी निवेश के लिए जगह बनाने की कोशिश की है।
इंटेल ने अपने फैक्ट्री वर्कफोर्स में 15% से 20% तक कटौती करने का निर्णय लिया है, जो 24,000 से अधिक नौकरियों में तब्दील होगा। इनमें कैलिफ़ोर्निया, ओरेगन, एरिज़ोना और अन्य यूनिट्स शामिल हैं। कंपनी ने कहा यह कदम वित्तीय चुनौतियों और AI-चिप्स पर बढ़ते फोकस के चलते आवश्यक है।
भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी, TCS (Tata Consultancy Services) ने 12,261 नौकरियाँ छाँटने की घोषणा की है, जो उसकी वैश्विक वर्कफोर्स का लगभग 2% है। कंपनी ने औपचारिक तौर पर स्किल मिज़मैच एवं आर्थिक अनिश्चितताओं को कारण बताया, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि ये एक बड़े AI-प्रेरित संरचनात्मक परिवर्तन की शुरुआत है, जिससे अगले कुछ वर्षों में लगभग 5 लाख लोगों की नौकरियाँ जोखिम में रह सकती हैं।
गूगल ने अपने स्मार्ट TV विभाग में 25% (करीब 75 कर्मचारी) और अन्य डिवीजनों में भी सामूहिक छंटनी की, साथ ही एक वॉलंटरी एक्ज़िट प्रोग्राम भी शुरू किया है ताकि AI-पर आधारित पुनर्गठन को सहज बनाया जा सके।
अमेज़न ने middle management, customer service, HR, software development और internal communications में व्यापक फेरबदल किया है—करीब 14,000 पदों में कटौती हुई और आगे भी इसी रणनीति के तहत और चुटकारें की आशंका है।
मेटा (Meta) ने “लो-परफॉर्मर्स” पर फोकस करते हुए अपनी वर्कफोर्स का लगभग 5% यानी 3,600 कर्मचारियों को निकाला है।
दूसरे प्रमुख खर्च में कटौती करने वाली कंपनियों—जैसे Oracle, Nextdoor, Scale AI—ने भी इस वर्ष बड़े पैमाने पर छंटनी की है, AI-अनुकूलन और लागत नियंत्रण को मुख्य कारण बताते हुए।
व्यापक प्रभाव और विश्लेषण
संरचनात्मक बदलाव और “Jobless Recovery”:
JPMorgan के एक अर्थशास्त्री ने चेतावनी दी है कि AI-उन्मुख नीतियों की वजह से, विशेषकर वाइट-कॉॉलर नौकरियों में, एक ‘jobless recovery’ संभव है, जहाँ नौकरी 시장 में संरचनात्मक बेरोजगारी बढ़ सकती है।
शुरुआती करियर पर प्रभाव:
Goldman Sachs के अनुसार, Gen Z तकनीकी पेशेवर—विशेषकर जो लोग जूनियर पदों पर हैं—सबसे पहले AI-पर संचालित स्वचालन से प्रभावित होंगे, जिससे शुरुआती करियर अवसर सीमित हो रहे हैं।
AI से नौकरी या सक्षम बनना?
AP News की रिपोर्ट में कहा गया है कि छंटनी को AI परॉर्मेंस जैसा दिखाया जा रहा है, लेकिन वास्तविक कारणों में निवेशकों की उम्मीदें, आर्थिक दबाव और AI पर किए जा रहे बड़े पूंजीगत व्यय भी शामिल हैं। साथ ही, AI की वजह से कुछ नए अवसर—जैसे ML इंजीनियर—उभरते दिख रहे हैं, लेकिन ये अभी 2022 की स्तर से कम हैं ।
दीर्घकालिक परिणाम और मानवता की भूमिका:
Financial Times की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अत्यधिक AI-निर्भर, lean संरचनाएँ नवाचार, मानव संबंधों और नैतिकता को प्रभावित कर सकती हैं। मानवता के गुण जैसे रचनात्मकता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता को संरक्षित करने पर जोर बढ़ा है।
अन्य अर्थव्यवस्था-विश्लेषण:
Reuters ने भारत में TCS की छंटनी को $283 बिलियन के आउटसोर्सिंग सेक्टर में AI-उन्मुख बदलाव का संकेत बताया है, जिससे उपभोग और रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों पर भी असर पड़ने की आशंका है।
निष्कर्ष
2025 में AI-वर्गीय निवेश और दक्षता अर्जित करने के प्रयास के तहत टेक जगत में अब तक 1 लाख से अधिक नौकरियाँ समाप्त हो चुकी हैं, जबकि उभरते तकनीकी क्षेत्रों में AI-विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है। शुरुआती नौकरी चाहने वालों, मध्यम-स्तर के पेशेवरों, और पारंपरिक भूमिकाओं में कार्यरत लोगों की स्थिति अस्थिर दिख रही है। विशेषज्ञ और नीति निर्माता यह सुझाव दे रहे हैं कि AI-युग में टिकने के लिए आवश्यक है—अपस्किलिंग, रचनात्मक/अंतर्वैयक्तिक कौशलों का विकास और संभावित वैकल्पिक सामाजिक सुरक्षा मॉडल जैसे UBI पर विचार किया जाना चाहिए।