नई दिल्ली: भारत ने मौसम पूर्वानुमान को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाते हुए 26 मई 2025 को “Bharat Forecasting System” (BFS) का शुभारंभ किया। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा विज्ञान भवन में इस अत्याधुनिक प्रणाली का लोकार्पण किया गया। BFS को पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) ने विकसित किया है और यह भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा संचालित किया जाएगा।
BFS दुनिया का सबसे उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाला मौसम मॉडल है, जो 6 किमी × 6 किमी ग्रिड पर आधारित है। इसकी तुलना में अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप जैसे देशों के मॉडल 9 से 14 किमी की ग्रिड पर काम करते हैं। इस प्रणाली से अब भारत में कहीं भी – गांव से लेकर महानगर तक – सटीक और समयबद्ध मौसम पूर्वानुमान संभव हो सकेगा।
BFS को IMD के अत्याधुनिक सुपरकंप्यूटर ‘अर्का’ द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसकी क्षमता 11.77 पेटाफ्लॉप्स और 33 पेटाबाइट स्टोरेज है। पहले जहां मौसम मॉडल को रन करने में 10 से 12 घंटे लगते थे, वहीं अब यह काम महज 4 घंटे में पूरा हो जाएगा। इस तेज़ और सटीक मॉडलिंग से चक्रवात, भारी बारिश, बाढ़ और मानसून जैसी स्थितियों के बारे में पहले से ही विस्तृत और विश्वसनीय जानकारी मिल सकेगी।
मॉडल को पहले पायलट के तौर पर 2022 से टेस्ट किया जा रहा था और 2025 में इसे पूर्णत: लागू कर दिया गया है। यह मॉडल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों, विशेषकर 30° उत्तरी अक्षांश से 30° दक्षिणी अक्षांश तक के क्षेत्रों को कवर करता है। इसके अंतर्गत भारत के सभी हिस्सों को शामिल किया गया है। साथ ही, यह प्रणाली ‘अबकास्टिंग’ यानी अगले दो घंटों के भीतर होने वाले मौसम परिवर्तन की भी भविष्यवाणी करने में सक्षम है।
IMD का कहना है कि BFS के ज़रिए वर्षा की सटीकता में करीब 30% और प्रमुख मानसूनी क्षेत्रों में 64% तक सुधार देखने को मिला है। देशभर में लगभग 40 डॉप्लर रडार के नेटवर्क से जुड़ी यह प्रणाली निकट भविष्य में 100 रडारों तक विस्तार करेगी।
BFS की मदद से आपदा प्रबंधन, कृषि योजनाएं, जल प्रबंधन, एयरपोर्ट ऑपरेशंस और शहरी विकास जैसे अनेक क्षेत्रों को अत्यधिक लाभ पहुंचेगा। किसान अब समय पर बुवाई, सिंचाई और कटाई की योजना बना सकेंगे, जबकि बाढ़ या तूफान जैसी आपदाओं से पहले ही सटीक चेतावनी जारी की जा सकेगी।
यह प्रणाली भारत को वैश्विक मौसम मॉडलिंग मानचित्र पर शीर्ष पर ले जाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। BFS केवल तकनीकी नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी देश को एक नई मजबूती प्रदान करेगा।